ग़म का बोझ उठा कर रख |
मन का बाग सजा कर रख ||
घर में दीप जला कर रख |
दिल में प्यार बसा कर रख ||
बीमारी है अगर कोई |
सब के बीच बता कर रख ||
कल की फ़िक्र नहीं तुझको |
कुछ तो यार बचा कर रख ||
कान्धा चार जाने दे दें |
इतना नाम कमा कर रख ||
ये सरकार नहीं जागी |
सच का शोर मचा कर रख ||
सुन कर लोग हँसेंगे सब |
दिल का दर्द छुपा कर रख ||
जब तक पेश चले तब तक |
सब से बात बना कर रख ||
डा० सुरेन्द्र सैनी
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