मुझसे रूखी बात न कर |
ज़ुल्मों की बरसात न कर ||
बद्कारों का साथ न कर |
ओछी अपनी ज़ात न कर ||
दिन को दिन कह रात न कर |
झगड़ा यूँ बेबात न कर ||
ख़ुद्दारी कुछ सीख मियाँ |
सबके आगे हाथ न कर ||
उसकी भी सुन बात कोई |
अपनी - अपनी बात न कर ||
संसद के अन्दर तू कभी |
धक्का – मुक्की लात न कर ||
डा० सुरेन्द्र सैनी
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